दिन विशेष – विश्व उपभोकता अधिकार दिन ( world consumer right day , world consumer protection day )
उपभोकता अपने हक़ से जागरूक हो और उपभोकता को अपने अधिकारों से जागृत बनाने के लिए प्रतिवर्ष 15 मी मार्च के दिन विश्व उपभोकता दिन मनाया जाता हे |1983 में पहली बार मनाया गया था |
उपभोकता संरक्षण का इतिहास-
उपभोक्ता अधिकार आन्दोलन की शरुआत दुसरे विश्व युध्ध के बाद इंग्लेंड में हुई थी बल्कि उपभोक्ता अधिकार की पहली बार घोषणा 1962 में संयुकत अमेरिकामें की गई | उपभोक्ता अधिकार आन्दोलन के सक्रीय व्यक्ति ‘राल्फ नादर’ को उपभोक्ता सुरक्षा का जनक मन जाता है |
चीजों की गुणवत्ता के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्था ISO जिनीवा में कार्यरत है, जिसकी स्थापना १९४७ में की गई थी | आपने चीजों पर ISO 6000, ISO 9000, ISO 14000 या ISO 9100 लेबल देखा होगा, ये लेबल सूचित करता हे की ये अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बिकती हुए विशिष्ठ एवं उंच्च गुणवत्ता वाली चीज है |
अंतराष्ट्रीय खाद्य पदार्थो को प्रमाणित करने के लिए ‘कोडेक्स एलीमेटेरियम कमीशन’ (CAC) नामक संस्था है जिनकी स्थापना 1963 में ‘खाध्य एवं कृषि संगठन’ (FAO) और विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) द्वारा की गई |
भारतमें पुराने ज़माने से उपभोक्ता सुरक्षा का ख्याल अस्तित्वमे हे , कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी उपभोक्ता सुरक्षा की बात कही गई है | आज़ादी के बाद भारत सरकार ने उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए ‘उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम- 1986’ लागु किया है |
उपभोक्ता अधिकार दिन 15 मार्च के दिन ही क्यों?
15 march 1962 में अमेरिका के प्रमुख जहोन एफ. केनेडीने उपभोक्ता के चार अधिकार की बात कही थी और बाद में इसे कई देशो की सरकारों ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी |इसी लिए 15 मार्च को दिन विश्व उपभोक्ता दिन मनाया जाता है , बाद में यु.एन ने उपभोक्ता के अधिकारों की सूचि जाहिर की उसमे ६ अधिकारों की बात की गई |
उपभोक्ता के अधिकारों :
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जरूरियात के संतोष के अधिकार ( THE RIGHT TO THE SATISFACTION OF BASIC NEEDS)
- सलामती का अधिकार (THE RIGHT TO SAFETY)
- माहिती का अधिकार ( THE RIGHT TO BE INFORMED )
- पसंदगी का अधिकार (THE RIGHT TO CHOICE )
- श्रवण का अधिकार (THE RIGHT TO BE HEARD)
- नुकसानी में भरपाई का अधिकार (THE RIGHT TO REDRESS)
- शिक्षा का अधिकार ( THE RIGHT TO CONSUMER EDUCATION)
- तंदुरस्त पर्यावरण का अधिकार (THE RIGHT TO HEALTHY ENVIROMENT )
यंहा करे शिकायत :
1972 में उपभोक्ता कार्यक्रम की शरुआत भारत में की गई 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम अंतर्गत उपभोक्ता की शिकायतों के निकाल के लिए त्रि-स्तरीय व्यवस्था की गए...
- 20 लाख रु. की शिकायत के लिए जिला फोरम
- 20 लाख रु. से 1 करोड़ रु तक की शिकायत के लिए राज्य उपभोक्ता आयोग.
- 1 करोड़ रु. से अधिक की शिकायत के लिए राष्ट्रिय उपभोक्ता आयोग.
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